नवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो मां दुर्गा की आराधना के लिए मनाया जाता है। इस दौरान लोग व्रत, पूजा-पाठ, और दान-पुण्य करते हैं। दान करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। अगर आपको नवरात्रि के पीछे का वैज्ञानिक कारण जानना चाहते हैं तो यह पढे |
नवरात्रि में किन-किन चीजों का दान करना चाहिए?
नवरात्रि में निम्नलिखित चीजों का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है:
- केले: केले को मां दुर्गा का प्रतीक माना जाता है। नवरात्रि में केले का दान करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
- लाल चूड़ियां: लाल चूड़ियां सुहाग की निशानी हैं। नवरात्रि में सुहागिनों को लाल चूड़ियां दान करने से मां दुर्गा अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं। माँ दुर्गा का पसंदीदा रंग भी लाल ही है |
- वस्त्र: नवरात्रि में जरूरतमंद लोगों को वस्त्र दान करने से दुख और दरिद्रता का नाश होता है। गरीब को दान देना एक बहुत बड़ा दान है |
- किताबें: नवरात्रि में किसी गरीब बच्चे को किताबें दान करने से उसका भविष्य उज्ज्वल होता है।
- अन्न: नवरात्रि में गरीबों को अन्न दान करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं। आपके द्वारा दिए गए अन्न से अगर किसी का पेट भर रहा हो तो यह एक सर्वश्रेष्ठ दान है |
- धन: नवरात्रि में किसी जरूरतमंद व्यक्ति को धन दान करने से पुण्य प्राप्त होता है।
नवरात्रि में क्या नहीं देना चाहिए?
नवरात्रि में निम्नलिखित चीजों का दान करना अशुभ माना जाता है:
- मांस-मदिरा का सेवन: नवरात्रि में मांस-मदिरा का सेवन करना वर्जित है। इसलिए इन चीजों का दान भी नहीं करना चाहिए।
- जूते-चप्पल: जूते-चप्पल को अशुभ माना जाता है। इसलिए नवरात्रि में जूते-चप्पल का दान नहीं करना चाहिए।
- धारदार वस्तुएं: नवरात्रि में धारदार वस्तुओं का दान भी अशुभ माना जाता है।
नवरात्रि में दान करने का तरीका
नवरात्रि में दान करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप जरूरतमंद लोगों को सीधे दान करें। आप किसी गरीब आश्रम या किसी धर्मार्थ संस्था को भी दान कर सकते हैं।
महत्त्वपूर्ण बात
दान करने से पहले ध्यान रखें कि दान हमेशा निस्वार्थ भाव से होना चाहिए। दान देने के बाद आपको किसी भी प्रकार का अहंकार नहीं करना चाहिए। अगर आप किसी को बिना बताए दान देते हैं यानी कि उस व्यक्ती को ज्ञात न हो कि आपने दान दिया है तो आपके दान का पुण्य 10 गुना बढ़ जाता है |
नवरात्रि में दान करना एक पुण्य कार्य है। दान करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।