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दुर्गा पूजा मंत्र इन संस्कृत

          नवरात्रि हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे मां दुर्गा की आराधना के लिए मनाया जाता है। नौ दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में भक्त मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं। मां दुर्गा को शक्ति और समृद्धि की देवी माना जाता है। उनकी पूजा करने से भक्तों को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

          माँ दुर्गा के मंत्रों का विशेष महत्व होता है। इन मंत्रों का जाप करने से भक्तों को मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। दुर्गा पूजा के दौरान विभिन्न प्रकार के मंत्रों का जाप किया जाता है, जिनमें स्तुति मंत्र, ध्यान मंत्र, बीज मंत्र और नौ देवी के मंत्र शामिल हैं। आज हम माता दुर्गा के बहुत सरे मंत्र जानेंगे जो की हमे विविध प्रकार की शक्तियां प्राप्त होती है।

माँ दुर्गा स्तुति मंत्र

          शक्तिशाली दुर्गा मंत्र स्तुति मंत्रों में मां दुर्गा की स्तुति की जाती है। इन मंत्रों का जाप करने से भक्तों को मां दुर्गा के गुणों का ध्यान करने का अवसर मिलता है। कुछ स्तुति मंत्र:

          माँ दुर्गा स्तुति मंत्र(सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते) यह मंत्र मां दुर्गा के सभी रूपों की स्तुति करता है। और इस मंत्र का जाप करने से माँ दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

          महाकाली स्तुति मंत्र(ह्रौं काली महाकाली किलिकिले फट् स्वाहा) यह मंत्र मां महाकाली की स्तुति करता है।

          चामुंडा स्तुति मंत्र: (ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे) यह मंत्र मां चामुंडा की स्तुति करता है।

माँ दुर्गा ध्यान मंत्र

          ध्यान मंत्रों में मां दुर्गा के रूप का ध्यान किया जाता है। इन मंत्रों का जाप करने से भक्तों को मां दुर्गा के रूप का साक्षात्कार करने का अवसर मिलता है। इन मन्त्रों के द्वारा आप माँ दुर्गा को कुछ स्टार तक अनुभव कर सकते है। कुछ लोकप्रिय ध्यान मंत्रों में शामिल हैं:

          शैलपुत्री ध्यान मंत्र: (वन्दे वांच्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखरं वृषारूढं शूलधरं शैलपुत्रीं यशस्विनीम्) यह मंत्र शैलपुत्री रूप की देवी दुर्गा का ध्यान करता है।

          ब्रह्मचारिणी ध्यान मंत्र: (दधाना करपद्माभ्यमक्ष माला कमंडलु देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्य नुत्तमा) यह मंत्र ब्रह्मचारिणी रूप की देवी दुर्गा का ध्यान करता है।

          चंद्रघंटा ध्यान मंत्र: (पिंडज प्रवरारूढ़ा चंडकोपास्त्रकैर्युता प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघंटेति विश्रुता) यह मंत्र चंद्रघंटा रूप की देवी दुर्गा का ध्यान करता है।

माँ दुर्गा बीज मंत्र

          बीज मंत्रों में मां दुर्गा के नाम का बार-बार उच्चारण किया जाता है। इन मंत्रों का जाप करने से भक्तों को मां दुर्गा की शक्ति प्राप्त होती है। ज्यादातर बीज मंत्र एक शब्द के ही होते है परन्तु ये मंत्र आपका पूरा जीवन सुधर सकते है। कुछ लोकप्रिय बीज मंत्रों में शामिल हैं:

          नवार्ण मंत्र – ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे यह चमत्कारी मंत्र माँ लक्ष्मी, माँ सरस्वती, माँ काली को समर्पित है।

          ॐ ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे: यह मंत्र मां चामुंडा को समर्पित है।

          ॐ ऐं ह्रीं क्लीं श्रीं नमः: यह मंत्र मां दुर्गा को समर्पित है।

          ॐ श्रीं श्रीं नमः: यह मंत्र मां लक्ष्मी को समर्पित है।

नौ देवी के मंत्र

          नौ देवी के मंत्रों में मां दुर्गा के नौ रूपों के मंत्र शामिल हैं। इन मंत्रों का जाप करने से भक्तों को मां दुर्गा के सभी रूपों की कृपा प्राप्त होती है। कुछ लोकप्रिय नौ देवी के मंत्रों में शामिल हैं:

          शैलपुत्री मंत्र: ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥

          देवी शैलपुत्री का प्रार्थना मंत्र

          वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
          वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

          ब्रह्मचारिणी मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
          नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

          दधाना कपाभ्यामक्षमालाकमण्डलू।
          देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।

          चंद्रघंटा मंत्र: पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता।
          प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥

          कुष्मांडा मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु मां कूष्‍मांडा रूपेण संस्थिता.
          नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

          स्कंदमाता मंत्र: 1. या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थितानमस्तस्यै नमस्तस्यै                   नमस्तस्यै नमो नम:

          सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।।

          कात्यायनी मंत्र: ॐ देवी कात्यायन्यै नम:॥

          मां कात्यायनी का प्रार्थना मंत्र

          चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
          कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥

          मां कात्यायनी स्तुति मंत्र

          या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
          नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

          कालरात्रि मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता।

          नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

          मां कालरात्रि का सिद्ध मंत्र

          ‘ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:।

          मंत्र

  1. ज्वाला कराल अति उग्रम शेषा सुर सूदनम।
    त्रिशूलम पातु नो भीते भद्रकाली नमोस्तुते।।
  2. ओम देवी कालरात्र्यै नमः।

          महागौरी मंत्र: ॐ देवी महागौर्यै नमः॥

          महागौरी प्रार्थना मंत्र

          श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
          महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥

          महागौरी स्तुति मंत्र

          या देवी सर्वभू‍तेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै               नमो नमः॥

          सिद्धिदात्री मंत्र: मां सिद्धिदात्री बीज मंत्र

          ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।

          मां सिद्धिदात्री स्तुति मंत्र

          या देवी सर्वभू‍तेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
          नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।

          मां सिद्धिदात्री प्रार्थना मंत्र

          सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
          सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी

देवी श्लोक

          देवी श्लोकों में मां दुर्गा की महिमा का वर्णन किया जाता है। इन श्लोकों का पाठ करने से भक्तों को मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। कुछ लोकप्रिय देवी श्लोकों में शामिल हैं:

          दुर्गा सप्तशती का पाठ: यह एक संस्कृत ग्रंथ है जिसमें मां दुर्गा की महिमा का वर्णन किया गया है।

          दुर्गा चालीसा: यह एक लोकप्रिय भजन है जिसमें मां दुर्गा की स्तुति की गई है। महाकाली स्तुति: यह एक संस्कृत श्लोक है जिसमें मां महाकाली की महिमा का वर्णन किया गया है।

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