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ओम जयंती मंगला काली मंत्र के फायदे

ओम जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते।।

ओम जयंती मंगला काली मंत्र एक बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है जो देवी महाकाली को प्रसन्न करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह मंत्र देवी काली के सभी रूपों को नमन करता है, जिनमें जयंती, मंगला, काली, भद्रकाली और कपालिनी शामिल हैं। इस मंत्र का नियमित जाप करने से भक्तों को कई लाभ मिलते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • आध्यात्मिक विकास: यह मंत्र भक्तों को आध्यात्मिक विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाता है। यह उन्हें अपने भीतर की शक्तियों को जागृत करने और आत्मज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है।
  • संकटों से मुक्ति: यह मंत्र भक्तों को सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति दिलाता है। यह उन्हें बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाता है।
  • सुख-समृद्धि: यह मंत्र भक्तों को सुख-समृद्धि और समृद्धि प्रदान करता है। यह उन्हें अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।
  • रोगों से मुक्ति: यह मंत्र भक्तों को सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति दिलाता है। यह उन्हें स्वस्थ और निरोगी जीवन जीने में मदद करता है।

इस मंत्र का जाप करने से पहले, यह आवश्यक है कि भक्त देवी काली की पूजा करें और उनके आशीर्वाद प्राप्त करें। भक्तों को इस मंत्र का जाप एक शांत और पवित्र स्थान पर करना चाहिए। मंत्र का जाप करते समय, भक्तों को पूर्ण ध्यान और समर्पण के साथ होना चाहिए।

ओम जयंती मंगला काली मंत्र का जाप के तरीके :

पहला तरीका: भक्त इस मंत्र का जाप 108 बार कर सकते हैं। यह संख्या एक पवित्र संख्या मानी जाती है।

दूसरा तरीका: भक्त इस मंत्र का जाप 108 बार करके 108 माला बना सकते हैं।

तीसरा तरीका: भक्त इस मंत्र का जाप करते समय देवी काली के चित्र या मूर्ति के सामने बैठ सकते हैं।

ओम जयंती मंगला काली मंत्र एक शक्तिशाली मंत्र है जो भक्तों को कई लाभ प्रदान कर सकता है। इस मंत्र का जाप करने से पहले, भक्तों को इस मंत्र के अर्थ और महत्व को समझना चाहिए।

ओम जयंती मंगला काली मंत्र का अर्थ

जयंती मंगला काली मंत्र एक शक्तिशाली मंत्र है जो देवी काली की आराधना के लिए उपयोग किया जाता है। यह मंत्र देवी काली के सभी रूपों को नमन करता है, जिनमें जयंती, मंगला, काली, भद्रकाली और कपालिनी शामिल हैं। इस मंत्र के हर एक शब्द का अपना अर्थ है, जो निम्नलिखित है:

  • ॐ: एक पवित्र ध्वनि है जो ब्रह्मांड के स्रोत का प्रतिनिधित्व करती है।
  • जयंती: देवी काली का एक रूप है जो हमेशा विजयी होती है।
  • मंगला: देवी काली का एक रूप है जो शुभ और मंगलकारी है।
  • काली: देवी काली का एक रूप है जो मृत्यु और विनाश का प्रतीक है।
  • भद्रकाली: देवी काली का एक रूप है जो भयंकर और भय उत्पन्न करने वाला है।
  • कपालिनी: देवी काली का एक रूप है जो अपने सिर पर एक कपाल धारण करती है।
  • दुर्गा: देवी काली का एक रूप है जो सभी बाधाओं और विपत्तियों को दूर करने वाली है।
  • क्षमा: देवी काली का एक रूप है जो दयालु और क्षमा करने वाली है।
  • शिवा: देवी काली के पति, भगवान शिव का नाम।
  • धात्री: देवी काली का एक रूप है जो जीवन का स्रोत है।
  • स्वाहा: एक मंत्र है जो यज्ञ में आहुति देने का प्रतीक है।
  • स्वधा: एक मंत्र है जो देवी काली को अर्पण करने का प्रतीक है।

इस मंत्र का अर्थ है कि भक्त देवी काली को जयंती, मंगला, काली, भद्रकाली और कपालिनी के रूपों में पूजते हैं। वे देवी काली से अपने जीवन में सफलता, सुख-समृद्धि और मोक्ष प्राप्त करने का आशीर्वाद मांगते हैं।

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