कलश स्थापना नवरात्रि की शुरुआत का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। कलश को देवी दुर्गा का स्वरूप माना जाता है और इसमें नौ देवियों का वास माना जाता है। कलश स्थापना करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है।
कलश स्थापना के लिए आवश्यक सामग्री: एक मिट्टी का कलश, आम की पत्तियां, रोली, मौली, अक्षत (चावल), सिक्का, नारियल, जल, लाल कपड़ा.
कलश स्थापना की विधि मिट्टी के कलश को अच्छी तरह से धो लें। कलश के मुख पर आम की पत्तियां रखें। कलश के मुख पर रोली से स्वस्तिक बनाएं और मौली बांधें। कलश में अक्षत, सिक्का और नारियल डालें। कलश को लाल कपड़े पर रखें और उसका पूजन करें। कलश के सामने दीपक जलाएं और धूप-अगरबत्ती करें। मां दुर्गा का ध्यान करें और उनसे प्रार्थना करें।
कलश स्थापना के नियम कलश स्थापना के लिए मिट्टी के कलश का ही उपयोग करें। कलश स्थापना के लिए साफ और शुद्ध जल का उपयोग करें। कलश स्थापना के लिए पूर्व या उत्तर दिशा का चुनाव करें। कलश स्थापना के लिए घर के पूजा स्थान का चुनाव करें। कलश स्थापना करते समय मन को पवित्र रखें।
कलश स्थापना का महत्व कलश स्थापना से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है। कलश स्थापना से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और सकारात्मक शक्तियों का प्रवाह बढ़ता है। कलश स्थापना से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
कलश स्थापना के लाभ कलश स्थापना से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। कलश स्थापना से घर के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। कलश स्थापना से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है। कलश स्थापना से घर में शांति और सद्भावना का वातावरण बना रहता है।