नवरात्रि का छठा दिन (मां कात्यायनी): कथा, मंत्र, रंग, पूजा

कथा

नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा, आराधना होती है। मां कात्यायनी दुर्गा की छठी शक्ति हैं। इनका नाम कात्यायन ऋषि की पुत्री होने के कारण पड़ा। कात्यायन ऋषि ने इन्हें अपनी कठिन तपस्या से प्रसन्न किया था। मां कात्यायनी को नवरात्रि की सबसे शक्तिशाली दैवीय शक्ति माना जाता है।

माँ कात्यायनी मंत्र 

ॐ देवी कात्यायन्यै नमः  जाप की संख्या 108, 1008, या 10080 हो सकती है। जाप की संख्या अपनी क्षमता के अनुसार निर्धारित कर सकते हैं।

पूजा विधि

* सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। * स्वच्छ वस्त्र पहनें। * पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें। * मां कात्यायनी की प्रतिमा या तस्वीर    को स्थापित करें। 

पूजा विधि

* मां कात्यायनी को लाल फूल, लाल    चंदन, लाल चुनरी, इत्र, आदि अर्पित करें। * मां कात्यायनी के मंत्र का जाप करें। * मां कात्यायनी की आरती करें। * प्रसाद बांटें। 

नवरात्रि के छठें दिन का रंग 

 नवरात्रि के छठे दिन का रंग लाल है। लाल रंग मां कात्यायनी का प्रिय रंग है।

माँ कात्यायनी को कौन  सा भोग लगाएं 

 मां कात्यायनी को शहद बहुत प्रिय है। इसलिए नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी को शहद से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है।

नवरात्रि के छठे दिन  की विशेषता 

नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा से भक्तों को मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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