महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम्, जिसे देवी दुर्गा के भजन के रूप में भी जाना जाता है| ऐसा माना जाता है कि यह आंतरिक शक्ति, साहस को बढ़ाता है और सुरक्षा प्रदान करता है ।
क्या महिलए महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत्र का पाठ कर सकती है?
कोई प्रतिबंध नहीं हैं . बस इसे तब करें जब आपका मन हो, जब आपको लगे कि आप शांत, संयमित, केंद्रित हैं और आपके पास इसे निर्बाध रूप से जपने का समय है।
आइये जानते है इसके कुछ लाभ
लाभ 1
मंत्र/श्लोक/स्तोत्र में मूल रूप से ध्वनि होती है। जो मानव शरीर की चेतना को बढ़ाने में सहायता करती हैं।
लाभ 2
इस स्तोत्रम का जाप करने से, दिव्य आनंद, सुरक्षा और देवी महिषासुर मर्दिनी की कृपा प्राप्त हो सकती है, जो अपने भक्तों पर मातृत्व के लिए जानी जाती हैं|
लाभ 3
इस स्तोत्र का जप हमें अत्यधिक दुःख से मुक्त करता है और जीवन के सभी आवश्यक पहलुओं में हमारा उत्थान करता है।
लाभ 4
महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम का जाप करने से, आप महिषासुर मर्दिनी या चंडिका के रूप में देवी दुर्गा का असीम आनंद, सुरक्षा और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
लाभ 5
धर्मग्रंथों में कहा गया है कि जो भी व्यक्ति दिन में एक बार भी मां महिषासुरमर्दिनी स्रोत का पाठ कर लेता है, उसके जीवन से परेशानी कम हो जाती है।
इस स्त्रोत के रचियता कौन हैं।
ये स्तोत्र स्वयं श्री आदि शंकराचार्य श्री मुख से उद्गृत हुई मां भगवती की अत्यन्त कर्ण प्रिय स्तुति है।
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