The Super Fox

नवरात्रि का छठा दिन (मां कात्यायनी): कथा, मंत्र, रंग, पूजा

Anuj Ranaware
6 Min Read

          नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजाआराधना होती है। मां कात्यायनी दुर्गा की छठी शक्ति हैं। इनका नाम कात्यायन ऋषि की पुत्री होने के कारण पड़ा। कात्यायन ऋषि ने इन्हें अपनी कठिन तपस्या से प्रसन्न किया था। मां कात्यायनी को नवरात्रि की सबसे शक्तिशाली दैवीय शक्ति माना जाता है। इनकी पूजा से भक्तों के सभी दुखों का नाश होता है और उन्हें सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

मां कात्यायनी की कथा

          एक बार कात्यायन ऋषि ने भगवती माँ दुर्गा की बहुत ही कठिन तपस्या की। उनकी तपस्या से खुश होकर भगवती दुर्गा ने उन्हें पुत्री रूप में अवतार लेने का वर दिया। कात्यायन ऋषि की पुत्री होने के कारन माता का नाम कात्यायनी रखा गया। कात्यायनी देवी ने बचपन से ही कठोर तपस्या की और देवी दुर्गा से सभी प्रकार की शक्तियां प्राप्त कीं।

          एक बार दैत्य महिषासुर ने देवताओं को परेशान करना शुरू कर दिया। देवताओं ने महिषासुर का वध करने के लिए मां कात्यायनी से मदद मांगी। मां कात्यायनी ने महिषासुर का वध करने के लिए युद्ध किया और उसे मार डाला। इस प्रकार मां कात्यायनी ने देवताओं की रक्षा की।

Also Read :नवरात्रि पांचवा दिन (मां स्कंदमाता): कथा, मंत्र, रंग, पूजा

माँ कात्यायनी मंत्र

          माँ कात्यायनी मंत्र नवरात्रि के छठे दिन का बहुत ही मुख्य मंत्र है। इस दिन मां कात्यायनी की पूजा,आराधना की जाती है, जो देवी दुर्गा का छठा दिव्या स्वरूप हैं। मां कात्यायनी को शीघ्र विवाह की देवी माना जाता है। 
 माँ कात्यायनी मंत्र: ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥ 
 
          इस मंत्र का अर्थ है: हे देवी कात्यायनी, मैं आपको मन से प्रणाम करता/करती हूं। 
 शीघ्र विवाह के लिए मां कात्यायनी मंत्र का जाप: माँ कात्यायनी मंत्र का जाप शीघ्र विवाह के लिए किया जाता है।
इस मंत्र का जाप लाल चंदन की माला से करना चाहिए। जाप करते समय मां कात्यायनी का ध्यान करना चाहिए। जाप की संख्या 108, 1008, या 10080 हो सकती है। जाप की संख्या अपनी क्षमता के अनुसार निर्धारित कर सकते हैं। 
 
          माँ कात्यायनी मंत्र के लाभ: माँ कात्यायनी मंत्र के जाप से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं: 
* शीघ्र विवाह होता है। 
* वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। 
* संतान प्राप्ति होती है। 
* सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

माँ कात्यायनी की पूजा विधि: माँ कात्यायनी की पूजा विधि निम्नलिखित है:

* सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। 
* स्वच्छ वस्त्र पहनें। 
* पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें। 
* मां कात्यायनी की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें। 
* मां कात्यायनी को लाल फूल, लाल चंदन, लाल चुनरी, इत्र, आदि अर्पित करें। 
* मां कात्यायनी के मंत्र का जाप करें। 
* मां कात्यायनी की आरती करें। 
* प्रसाद बांटें। 
 
          माँ कात्यायनी की पूजा से भक्तों को मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। जिसका विवाह नहीं हो रहा हो वो देवी की पूजा करें। 

माँ कात्यायनी को कौन सा भोग लगाएं

          मां कात्यायनी को शहद बहुत प्रिय है। इसलिए नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी को शहद से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है। शहद से बनी कुछ चीजें निम्नलिखित हैं: 
 
          शहद की खीर शहद का हलवा शहद का पान शहद का पुआ शहद का लड्डू इसके अलावा, मां कात्यायनी को दूध, दही, घी, मक्खन, फल, और मिठाइयां भी चढ़ाई जा सकती हैं।

नवरात्रि के छठे दिन की विशेषता

          नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी देवी दुर्गा का छठा स्वरूप हैं। मां कात्यायनी को शीघ्र विवाह की देवी माना जाता है। इस दिन भक्त लाल रंग के कपड़े पहनते हैं और मां कात्यायनी की पूजा करते हैं। नवरात्रि के छठे दिन की विशेषताएं निम्नलिखित हैं: 
मां कात्यायनी की पूजा: नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी को लाल रंग के फूल, लाल चंदन, लाल चुनरी, इत्र, आदि अर्पित किए जाते हैं। मां कात्यायनी के मंत्र का जाप किया जाता है और उनकी आरती की जाती है। 
लाल रंग: नवरात्रि के छठे दिन का रंग लाल है। लाल रंग मां कात्यायनी का प्रिय रंग है। इसलिए इस दिन भक्त लाल रंग के कपड़े पहनते हैं। 
शहद का भोग: मां कात्यायनी को शहद बहुत प्रिय है। इसलिए इस दिन मां कात्यायनी को शहद से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है। 
 
          नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा से भक्तों को मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *