नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा, आराधना होती है। मां कात्यायनी दुर्गा की छठी शक्ति हैं। इनका नाम कात्यायन ऋषि की पुत्री होने के कारण पड़ा। कात्यायन ऋषि ने इन्हें अपनी कठिन तपस्या से प्रसन्न किया था। मां कात्यायनी को नवरात्रि की सबसे शक्तिशाली दैवीय शक्ति माना जाता है। इनकी पूजा से भक्तों के सभी दुखों का नाश होता है और उन्हें सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
मां कात्यायनी की कथा
एक बार कात्यायन ऋषि ने भगवती माँ दुर्गा की बहुत ही कठिन तपस्या की। उनकी तपस्या से खुश होकर भगवती दुर्गा ने उन्हें पुत्री रूप में अवतार लेने का वर दिया। कात्यायन ऋषि की पुत्री होने के कारन माता का नाम कात्यायनी रखा गया। कात्यायनी देवी ने बचपन से ही कठोर तपस्या की और देवी दुर्गा से सभी प्रकार की शक्तियां प्राप्त कीं।
एक बार दैत्य महिषासुर ने देवताओं को परेशान करना शुरू कर दिया। देवताओं ने महिषासुर का वध करने के लिए मां कात्यायनी से मदद मांगी। मां कात्यायनी ने महिषासुर का वध करने के लिए युद्ध किया और उसे मार डाला। इस प्रकार मां कात्यायनी ने देवताओं की रक्षा की।
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